Saturday, May 07, 2005

विश्वास का एक आवरण

जिन्दगी की खुली किताब के
श्वेत-श्याम उन पन्नों को,
मौसमी बयारों से बचाता है
विश्वास का एक आवरण ।

अनजानी राहों का मुसाफिर
गलियों से जब गुजरता है,
फीकी हँसियों से बचाता है
विश्वास का एक आवरण

मैखाने का खनकते प्यालों ,
धुमिल चेहरों के धुँए के बीच,
अनास्क्ति की चादर ओढाता
विश्वास का एक आवरण ।

राही जब थकने लगता है,
सराय जब पास बुलाता है,
शक्तिपुंज सा न रुकने देता
विश्वास का एक आवरण